सूत्रों ने बताया कि इस गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने की योजना थी लेकिक किन्ही कारणों से इसकी तिथि में परिवर्तन किया गया है।
रायगढ़ 25 जनवरी (36गढ़ डाट इन)- उद्योगपति सांसद नवीन जिंदल की शानदार पहल पर उड़ीसा राज्य के भुवनेश्वर से लगभग 120 किलोमीटर दूर अनुगुल में 206 फुट की ऊंचाई वाले विशाल ध्वजदण्ड पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराने की तैयारी चल रही है।
सूत्रों ने बताया कि इस गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने की योजना थी लेकिक किन्ही कारणों से इसकी तिथि में परिवर्तन किया गया है।
यह बताना लाजमी होगा कि स्टील किंग नवीन जिंदल अंगुल में 6 मिलियन टन क्षमता वाले स्टील प्लांट की स्थापना कर रहे हैं, और यहीं पर विशाल ध्वज दण्ड पर तिरंगा फहराने की कार्यवाहियां चल रही है।
यह भी उल्लेखनीय है कि श्री जिंदल तिरंगा के प्रति लोगों में आदर और सम्मान की भावना जगाने के लिए कार्य करने वाली संस्था फ्लैग फाउंडेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष हैं और इसी संस्था के बैनर तले देश में विभिन्न स्थानों पर विशाल ऊंचाई वाले ध्वज दण्डों पर तिरंगा फहराया जा रहा है।
एफएफआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कमांडर (सेवानिवृत्त) के.वी.सिंह ने कल ही दिल्ली में मीडिया को बताया था, यह एक यादगार समारोह होगा। इतनी ऊंचाई पर अब तक किसी भी गणतंत्र दिवस पर तिरंगा नहीं फहराया गया है।
हमने जब कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी से इस बारे में बात की तो उनका कहना था कि अनुगुल में तिरंगा फहराने की योजना गणतंत्र दिवस के दिन तय थी लेकिन पर्याप्त तैयारी के अभाव में ऐसा नहीं हो पा रहा है। लेकिन कुछ ही दिनों में एक भव्य समारोह में तिरंगा फहराया जाएगा।
गणतंत्र दिवस पर दो वर्ष पहले फ्लैग फाउंडेशन आफ इंडिया (एफएफआई) ने 23 जनवरी को हरियाणा के कैथल में इतना ही विशाल झंडा फहरा कर समारोह आयोजित किया था।
इसके पहले जिस सबसे ऊंचे स्थान से तिरंगा फहराया गया था, उसकी ऊंचाई 46 मीटर थी। इस स्थल का निर्माण चेन्नई के फोर्ट सेंट जार्ज में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा किया गया था।
नवीन जिंदल, सांसद ने कैथल और लाड़वा (कुरूक्षेत्र), हिसार व कुरूक्षेत्र में देश के सबसे ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज को फहराया है। यह राष्ट्रीय ध्वज 206 फुट ऊंचा है और इसकी चैड़ाई 48 फुट एवं लंबाई 72 फुट है। राष्ट्रीय ध्वज का कुल वजन 40 किलोग्राम है।
जिंदल द्वारा लड़ी गई एक दशक की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था जिसमें कहा गया था कि देश के प्रत्येक नागरिक को आदर, प्रतिष्ठा एवं सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार है और इस प्रकार यह प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार बना है।
इस ऐतिहासिक फैसले के बाद केंद्रिय मंत्रीमंडल ने फ्लैग कोड में संशोघन किया था।
छत्तीसगढ़ स्थित जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड के रायगढ़ संयंत्र परिसर में प्रशासनिक भवन के समक्ष स्थित ध्वज दण्ड 100 फीट ऊंचा है।
रात में भी ध्वज फहराने के सम्पूर्ण नियमों और राष्ट्रीय मानदंडों का पालन करते हुए यहां ध्वज दण्ड के चारों तरफ पर्याप्त प्रकाश के लिए उच्चस्तरीय प्रकाश संजोयन की व्यवस्था की गई है। यहां दिन रात शान से तिरंगा फहरता रहता है।
यह वही स्थान है, जहां पर से नवीन जिंदल ने प्रत्येक भारतीय नागरिक को तिरंगा फहराने का अधिकार दिलाने की ऐतिहासिक कानूनी लड़ाई की शुरूआत की थी और उनकी एक दशक की लंबी कानूनी लड़ाई के पश्चात् माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 23 जनवरी 2004 को एक ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा कि समस्त भारतीय अपने राष्ट्र ध्वज को अपनी सद्भावना के अनुरूप आदर और सम्मान के साथ फहरा सकते हैं और यह प्रत्येक भारतवासी का बुनियादी अधिकार है।
36गढ़ डाट इन