छत्तीसगढ के नारायणपुर जिले के अधिकतर नक्सली सांप को पकाकर खाने के शौकीन है। ढोडिंया सांप सेहत और फुर्ती प्रदान करता है। वे इसे पकडते है तथा सब्जी बनाकर बडे चाव से खाते है।
नारायणपुर,28जून (36गढ डाट इन) छत्तीसगढ के नारायणपुर जिले के अधिकतर नक्सली सांप को पकाकर खाने के शौकीन है। ढोडिंया सांप सेहत और फुर्ती प्रदान करता है। वे इसे पकडते है तथा सब्जी बनाकर बडे चाव से खाते है।
नक्सली दल के अधिकतर सदस्य क्षेत्रिय होते है। दिनभर घने जगंलो में घुमने के दौरान इन्हे कही ना कही सांप मिल ही जाता है। बस्तर क्षेत्र में पाये जाने वाले ढोडिंया प्रजाति कें सांप इन्हे पसंद होते है।
बताया जाता है ढोडिंया सांप सेहत और फुर्ती प्रदान करता है। नक्सली इन सांपों को पकड कर छील लेते हैं और टुकडों मे काट लेते हैं। टुकडों मे काटने के बाद इन टुकडों से सब्जी बनाई जाती हैं और फिर इस सब्जी को बड चाव से खाया जाता हैं।
बस्तर क्षेत्र के ग्रामीण भी इस सांप का माँस खाते हैं। ढोंडिया सांप की प्रजाति अब धीरे-धीरे विलुप्त हो रही हैं। सांप नहीं मिलने पर नक्सलि अब गाँवों मे घुस कर ग्रामीणों की बकरिया और मुर्गिया चुरा रहे हैं जिस से ग्रामीणों को आर्थिक हानि हो रही हैं।
36गढ डाट इन