मानसून की गतिविधियां लगभग सामान्य होने और मौसम खुलने के कारण छत्तीसगढ़ में नदी-नालों में बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है।
रायपुर,11 सितम्बर(36गढ़ डाट इन) मानसून की गतिविधियां लगभग सामान्य होने और मौसम खुलने के कारण छत्तीसगढ़ में नदी-नालों में बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है।
यहां मंत्रालय स्थित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार विगत 24 घण्टे में प्रदेश के किसी भी
जिले से अतिवृष्टि या बाढ़ की सूचना नहीं आयी है ।
लेकिन इस हफ्ते के प्रारंभिक दिनों में हुई भारी वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर, कबीरधाम और दुर्ग में कुल एक सौ राहत शिविरों की स्थापना की गयी, जिनमें आज ग्यारह सितम्बर की स्थिति में 23 हजार 057 लोगों को ठहराया गया है।
उनके लिए हर प्रकार की बुनियादी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की गयी है। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आज 11 सितम्बर की स्थिति में प्रदेश के सभी 18 जिलों में इस वर्ष एक जून से अब तक 1087.9 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गयी, जबकि विगत दस वर्षो की इस अवधि की औसत वर्षा 1031.4 मिलीमीटर होती है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राजस्व विभाग के मैदानी अधिकारियों ने बाढ़ से हुए नुकसान का प्रारंभिक सर्वेक्षण शुरू कर दिया है।
प्रभावित परिवारों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा वितरण भी शुरू हो गया है। अब तक 20 लाख 14 हजार रूपए का वितरण किया जा चुका है। सर्वाधिक 49 राहत शिविर रायगढ़ जिले में खोले गए हैं, जिनमें 15 हजार 138 लोगों के लिए भोजन, आवास और पेयजल आदि की व्यवस्था की गयी है।
जांजगीर-चांपा जिले में 20 राहत शिविर स्थापित कर पांच हजार 260 लोगों के लिए, कोरबा जिले में बारह राहत शिविर लगाकर एक हजार 297 लोगों के लिए और बिलासपुर जिले के 14 राहत शिविर लगाकर एक हजार 274 लोगों के लिए भोजन, पेयजल, चिकित्सा आदि हर प्रकार की जरूरी व्यवस्था की गयी है।
पुलिस, होमगार्ड और सेना के जवानों सहित जन-सहयोग से राहत और बचाव कार्यो का सुचारू संचालन करते हुए इन प्रभावित जिलों में लगभग 19 हजार लोगों को बाढ़ से सुरक्षित बचाया गया है।
36गढ़ डाट इन