छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि अपने देश की हजारों वर्ष पुरानी गौरवशाली संस्कृति की रक्षा करना और देश के मूल्यवान प्राचीन संस्कारों को जीवित रखना भी सरकार की जिम्मेदारी होती है।
रायपुर,13 फरवरी (36गढ़ डाट इन) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि अपने देश की हजारों वर्ष पुरानी गौरवशाली संस्कृति की रक्षा करना और देश के मूल्यवान प्राचीन संस्कारों को जीवित रखना भी सरकार की जिम्मेदारी होती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी इस सामाजिक-सांस्कृतिक जिम्मेदारी को भी पूरी गंभीरता से निभा रही है।
साधु-संतों के आशीर्वाद और जनता के सहयोग से प्रदेश सरकार ने विगत छह वर्षों में छत्तीसगढ़ को सही और नयी दिशा में आगे ले जाने का सार्थक प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने महाशिवरात्रि के अवसर पर महानदी, सोंढूर और पैरी नदियों के पवित्र संगम पर दो सप्ताह तक चले प्रसिध्द राजिम-कुंभ के समापन समारोह में इस आशय के विचार व्यक्त किए।
मुख्य मंच पर दीप प्रज्ज्वलित कर उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डॉ. रमन सिंह ने वहां छत्तीसगढ़ सहित देश के दूर-दराज के इलाकों से आए साधु-संतों और श्रध्दालुओं की विशाल सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आध्यात्मिक जागरण, आस्था और श्रध्दा के केन्द्रों को सुरक्षित और जीवित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
डॉ. सिंह ने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि यदि हमारी संस्कृति के ये मूल्यवान केन्द्र खत्म हो जाएंगे, तो देश खत्म हो जाएगा। राजिम हम सबकी आस्था का केन्द्र है।
मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लोकनिर्माण, पर्यटन और संस्कृति तथा धर्मस्व विभागों के मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राजिम कुंभ को अब पूरे देश में एक नयी पहचान मिलने लगी है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मंशा के अनुरूप राजिम में श्रध्दालुओं और तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए एनीकट और पुल का निर्माण किया जा रहा है।
श्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी राजिम कुंभ में आए साधु-संतों और श्रध्दालुजनों को इस आयोजन की सफलता में सहयोगी बनने पर विशेष रूप से धन्यवाद दिया।
उल्लेखनीय है कि राजिम का यह वार्षिक मेला माघ-पूर्णिमा के अवसर पर 30 जनवरी को शुरू हुआ था।
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