सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप छत्तीसगढ़ में भी यौन-कर्मियों के उध्दार
और उनके समुचित पुनर्वास के लिए कानूनी सहायता दिलाने के उद्देश्य से विभिन्न जिलों में ऑन लाईन विधिक सेवा शुरू हो गई है।
रायपुर,12 अक्टूबर(36गढ़ डाट इन) सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप छत्तीसगढ़ में भी यौन-कर्मियों के उध्दार
और उनके समुचित पुनर्वास के लिए कानूनी सहायता दिलाने के उद्देश्य से विभिन्न जिलों में ऑन लाईन विधिक सेवा शुरू हो
गई है।
उल्लेखनीय है कि इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को हेल्प लाईन नम्बर उपलब्ध कराने के भी निर्देश
दिए हैं जिसके परिपालन में छत्तीसगढ़ के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में टेलीफोन और फैक्स नम्बरों सहित ऑन लाईन
सेवा भी संचालित की जा रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के उप सचिव से मिली जानकारी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने इस
वर्ष 24 अगस्त को बुध्ददेव कर्मस्कर बनाम पश्चिम बंगाल के मामले में इस आशय का आदेश पारित किया है।
अदालत के इस आदेश के अनुसार यौन कर्मियों के सर्वेक्षण, उध्दार और पुनर्वास के लिए हर प्रकार की कानूनी सलाह और
सहायत देने के लिए प्राधिकरण तत्पर है।
प्राधिकरण ने राज्य सरकार के प्रमुख सचिव गृह, सचिव महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग और सचिव
राज्य महिला आयोग को इस संबंध में परिपत्र भेजा है।
परिपत्र में संबंधित विभागों की प्रत्येक इकाई और राज्य में कार्यरत अन्य सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों को हेल्प लाइन नम्बर उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया गया है, ताकि वे इन नम्बरों के आधार पर संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और तालुका (तहसील) विधिक सेवा समिति से सम्पर्क कर सकें।
प्राधिकरण के इस निर्णय के अनुरूप छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति बिलासपुर से हेल्प लाइन नम्बर
07752-238161 पर टेलीफोन अथवा फैक्स द्वारा सूचना दी जा सकती है। समिति से इंटरनेट के जरिए उनके ई-मेल बहीबसेब/हउंपसण्बवउ पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।
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