छत्तीसगढ़ की ओपन सोर्स पर आधारित देश की वृहद्तम परियोजना चॉइस को एक और पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
रायपुर,23 अगस्त(36गढ़ डाट इन) छत्तीसगढ़ की ओपन सोर्स पर आधारित देश की वृहद्तम परियोजना चॉइस को एक और पुरस्कार प्राप्त हुआ है। विश्वस्तरीय ई-वर्ल्ड फोरम संस्था द्वारा ”चॉईस को श्रेष्ठ ई-गवर्नेंस पोर्टल जूरी अवार्ड दिया गया है।
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के प्रसिद्व डा. एम. पी. नारायन, प्रो. वी. एन. राजशेखरन पिल्ले, श्री रवि गुप्ता सहित ग्यारह सदस्यों के दल ने चॉईस का चयन इस पुरस्कार के लिए किया है।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्री अमन सिंह ने आज यहां बताया कि इस पुरस्कार के लिए चॉईस परियोजना का मुकाबला इजिप्ट के मोनोफेया पोर्टल, एम.पी. ऑनलाईन, सुगम राजस्थान तथा भारत सरकार के पोर्टल से था।
उन्होंने बताया कि ई-वर्ल्ड फोरम द्वारा शासकीय तथा समाजसेवी संस्थाओं को अवार्ड देने का मुख्य कारण लोगों में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रति उत्सुकता जागृत करना है, ताकि विश्व के अधिक से अधिक लोगों तक सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ पहुँचाया जा सके।
साथ ही ऐसे क्षेत्र जहाँ सूचना प्रौद्योगिकी गतिविधियों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है, उन संस्थाओं को प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाना भी इन पुरस्कारों का सबसे बड़ा उद्देश्य है।
यह पुरस्कार नई दिल्ली में ई-वर्ल्ड फोरम संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिया गया।श्री सिंह ने पुरस्कार की चयन प्रक्रिया के बारे में बताया कि परियोजना की संपूर्ण जानकारी ई-वर्ल्ड फोरम की वेबसाईट पर ऑनलाईन भरा गया, उसके बाद जूरी द्वारा परियोजनाओं का मूल्यांकन कर श्रेणीवार योजनाओं का चयन किया गया है।
उन्होंने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग में राज्य के नागरिकों को आई.टी. सुविधाएं प्रदान करने के लिये चॉइस परियोजना का क्रियान्वयन किया गया है। यह परियोजना प्रदेश में ई-शासन व्यवस्था
लागू करने में मील का पत्थर साबित हो रही है। राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना की सराहना की गई है।
ओपन सोर्स पर आधारित देश की वृहद्तम परियोजना होने का गौरव चॉइस को प्राप्त है। इस योजना को अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं।
चॉइस परियोजना के तहत् अनेक नागरिक सेवाएं जैसे- जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण,मूल निवासी प्रमाण-पत्र, आदि शासन द्वारा नियुक्त चॉइस सेंटर के माध्यम से प्रदान किये जा रहे हैं। इस योजना से नागरिकों के समय की बचत हो रही है तथा शासन की सेवाएं एवं जानकारियां सरलतापूर्वक उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि रायपुर के बाद चॉइस परियोजना का दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर तथा अम्बिकापुर में विस्तार किया गया है, शेष जिलों में भी इस योजना को विस्तारित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि चॉईस को पूर्व में भी अनेक राष्ट्रीय तथा अंतर्राट्रीय स्तर के पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें वर्ल्ड इज ओपन अवार्ड 2008, ई चैम्पियन अवार्ड 2007, कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया 2008, निहिलेंट अवार्ड 2009 तथा कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया चॉइस विस्तारित सेवा अवार्ड 2010 आदि प्रमुख हैं।
36गढ़ डाट इन