यह जनसुनवाई अतिरिक्त जिला अधिकारी श्री एस.के. शर्मा और छ.ग.पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़ के क्षेत्रीय अधिकारी श्री ए.सी. मालू की उपस्थिति में सैकड़ों स्थानीय लोगों के अत्यधिक समर्थन के बीच शांतिपूर्वक ढंग से आयोजित हुई। जनसुनवाई के दौरान ही परियोजना के समर्थन में सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगों ने हस्त लिखित पत्र भी जमा कराए।
रायगढ़, 14 फरवरी (36गढ़ डाट इन) -जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) द्वारा रायगढ़ जिले के डोंगामहुआ में कैप्टिव पावर प्लांट की क्षमता विस्तार के द्वितीय चरण के अंतर्गत प्रस्तावित 150 मेगावाट क्षमता वाली प्रस्तावित 2 इकाईयों (अर्थात् 300 मेगावाट) परियोजना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु लोक सुनवाई शनिवार यहां के सारसमाल (तमनार) गांव में बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।
यह जनसुनवाई अतिरिक्त जिला अधिकारी श्री एस.के. शर्मा और छ.ग.पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़ के क्षेत्रीय अधिकारी श्री ए.सी. मालू की उपस्थिति में सैकड़ों स्थानीय लोगों के अत्यधिक समर्थन के बीच शांतिपूर्वक ढंग से आयोजित हुई। जनसुनवाई के दौरान ही परियोजना के समर्थन में सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगों ने हस्त लिखित पत्र भी जमा कराए।
जनसुनवाई निर्धारित समय पर आरंभ होकर निर्धारित समय तक चली। इस दौरान स्थानीय लोगों ने एक के बाद मंच में आकर परियोजना केबारे में अपने सुझाव, टीका, टिप्पणी और विचार रखे। जनसुनवाई के अधिकारियों ने लोगों के विचार दर्ज किए।
अधिकांश लोगों ने परियोजना के समर्थन में अपने विचार रखे। जनसुनवाई को शांतिपूर्ण संपन्न कराने में जिस तरह से पुलिस अधीक्षक श्री राहुल शर्मा ने बेबाक और महति भूमिका निभाई, उसको देखकर उपस्थित हर एक नागरिक ने उनकी सराहना की।
जनसुनवाई स्थल में शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस प्रशासन ने शानदार भूमिका निभाई। जनसुनवाई क¢ समय जिला एवं पुलिस प्रशासन के उच्चाधिकारीगण अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आर पी साय, उप पुलिस अधीक्षक प्रखर शर्मा, सुश्री सूरी, एडएसडीओपी धरमजयगढ़ श्री गभेल, श्री पाटले, टीआई प्रमोद खेस, ममता अली, नरेंद्र प्रसाद मिश्रा, आरआई प्रमोद गुप्ता विशेष रूप से मौजूद थे।
जिंदल प्रबंधन की ओर से सुनवाई स्थल में एक्जीक्युटिव डायरेक्टर एके मुखजी, एक्जीक्युटिव डायरेक्टर (सीमेंट डिवीजन) जीडीएस सोहल, जनसम्पर्क एवं लाइजन प्रमुख संजीव चौहान, पर्यावरण प्रबंधन विभाग प्रमुख श्री व्ही कार्तिकेन, श्री केके चोपड़ा, श्री एमएल गुप्ता, व्हीआर पाण्डेय, श्री सत्यप्रकाश सहित अनेक अधिकारीगण उपस्थित थे।
ग्रामीणों का कहना था कि जिंदल उद्योग समूह की परियोजनाओ का लाभ स्थानीय लोगों को हमेशा से मिलता आ रहा है और सामाजिक कार्यों से स्थानीय समुदाय को बहुत लाभ पहुंच रहा है।
ग्रामीणों ने जिंदल प्रबंधन से यह अपेक्षा भी की कि सामाजिक विकास कार्य निरंतर जारी रखे और अधिक से अधिक लोगो को लाभ पहुंचाते रहे। जनसुनवाई प्रक्रिया के अंत में ग्रामीणों द्वारा चाही गई जानकारी के बारे में प्रबंधन की ओर से वरिष्ठ अधिकारी ने एक-एक करके उनके सभी प्रश्नों के जवाब दिए।
विशेषकर महिलाओं ने जेएसपीएल के कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यकलापों की सराहना करते हुए परियोजना का पूरजोर समर्थन किया। उनका कहना था कि इस परियोजना के कार्यकलापों से क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति होगी।
स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस बात पर एकमत थे कि इस ऊर्जा परियोजना से क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा और संचार साधनों एवं सुविधाओं में उल्लेखनीय प्रगति होगी।
स्थानीय लोगों ने जब पर्यावरण प्रदूषण की बात उठाई तो जेएसपीएल के उच्चाधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि जेएसपीएल पर्यावरण संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठाएगी। संयंत्र परिसर के साथ साथ आसपास में भी पर्यावरण संरक्षण का भरपूर खयाल रखा जाएगा।
यह ताप विद्युत परियोजना कोयले को धोने से निकलने वाले मिडलिंग और कोल फाइंस पर आधारित होगी। मिडलिंग और कोल फाइंस के सदुपयोग के लिए यह संयंत्र लगाया जा रहा है।
यह ऊर्जा संयंत्र लगभग 40 एकड़ भूमि क्षेत्र में लगाया जाएगा। इस संयंत्र की निर्माण लागत लगभग 1250 करोड़ रूपए है।
जेएसपीएल के पर्यावरण अधिकारी डा. आर.एम. शर्मा ने जनसुनवाई के आरंभ में परियोजना का प्रतिवेदन पढ़ा। प्रतिवेदन में उन्होंने बताया कि इस परियोजना में प्रदूषण नियंत्रण के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों का पुर्णरूपेण पालन किया जायेगा। साथ ही साथ पर्यावरण के अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों का अनुपालन किया जायेगा।
जेएसपीएल को गुणवत्ता के लिए आइएसओ-9001 और पर्यावरण प्रबंधन के लिए आइएसओ-14001 प्रमाण पत्र प्राप्त हैं।
यह दर्शाता है कि जेएसपीएल प्रदूषण नियंत्रण के कार्यों को सबसे ज्यादा महत्व देता है जिसके अंतर्गत स्वच्छता, साफ सफाई, प्रदूषण नियंत्रण एवं प्राकृतिक संसाधन संरक्षण के विश्व स्तरीय मानदंडों को हासिल करने क¢े लिए व्यापक योजना बनाकर प्रतिबद्धता एवं ईमानदारी पूर्वक निरंतर कार्य किया जा रहा है।
पर्यावरण प्रबंधन विभाग सभी पहलूओं का गहन अध्धययन कर क्षेत्र के पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए नियमित एवं ठोस कदम उठाएगा।
इस परियोजना में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम के कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सघन हरित पट्टी लगाने का प्रस्ताव है।
ऊर्जा संयंत्र के चारों ओर बडे़ पेड़ लगाए जाएंगे। उच्च क्षमता की इलैक्ट्रोस्टैटिक प्रेसीपीटेटर (इ.एस.पी) लगाया जाएगा।
परियोजना से क्षेत्र में रोजगार, खर्च करने की क्षमता एवं वाणिज्य विकास के कारण आर्थिक विकास बढे़गा। परियोजना से कुशल लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध होंगे इसके साथ क्षेत्र में संचार सुविधाओ का विकास होगा।
स्थानीय लोगों के सामाजिक जीवन पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार अवसरों के कारण सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। परियोजना के लिए बनाई गई सुविधाओं जैसे पेयजल, शौचालय, चिकित्सा केंन्द्र शिक्षा आदि का लाभ स्थानीय लोग भी उठा सकेंगे।
36गढ़ डाट इन