बालको रायपुर में 300 करोड़ की लागत से एक कैंसर अस्पताल भी बना रहा है। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पूर्णकालिक निदेशक श्री गुंजन गुप्ता ने 61 वें गणतंत्र दिवसर अवसर पर कोरबा के डॉ. अंबेडकर स्टेडियम में आयोजित समारोह में यह बात कही।
रायपुर, 27 जनवरी, (36गढ़ डाट इन)-भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक विकास के अनेक कार्यक्रम चला रहा है।
बालको विनिवेश से पहले के दौर में सामुदायिक विकास पर जहां डेढ़ करोड़ रुपए निवेश किए जाते थे वहीं अब लगभग 8.50 करोड़ रुपए निवेश किए जा रहे हैं और अब बालको की सीएसआर योजनाओं का लाभ छत्तीसगढ़ के 102 गांवों को मिल रहा है।
बालको रायपुर में 300 करोड़ की लागत से एक कैंसर अस्पताल भी बना रहा है। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पूर्णकालिक निदेशक श्री गुंजन गुप्ता ने 61 वें गणतंत्र दिवसर अवसर पर कोरबा के डॉ. अंबेडकर स्टेडियम में आयोजित समारोह में यह बात कही।
उन्होंने आर्थिक मंदी में कर्मचारी की छंटाई के विषय पर कहा कि बालको देश की उन गिनी-चुनी कंपनियों में से एक हैं जिन्होंने मानव संसाधन में कोई कटौती नहीं की बल्कि बालको ने इस दौर का सदुपयोग मानव संसाधन को और अधिक मजबूत बनाने और कार्य कुशलता बढ़ाने में किया।
श्री गुप्ता ने कहा कि एक ओर जहां पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में ‘प्रोजेक्ट ग्रीनर बालको नामक एक महत्वपूर्ण परियोजना की शुरूआत की गई है वहीं दूसरी ओर इस कार्य को और विस्तार देने के लिए भूजल स्तर संवर्धन के लिए भदरापारा में तालाब निर्माण कराया है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वेदांत समूह 300 करोड़ रुपए के निवेश से अत्याधुनिक वेदांत कैंसर चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र स्थापित कर रहा है।
श्री गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कंपनी के कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि बालको की ओर से कोरबा जिले के ग्राम चुईया में स्थापित वेदांत ग्रामीण चिकित्सालय भी कल्पना के अनुरूप ग्रामीणों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करा रहा है।
कोरबा जिले में राज्य के पहले केंद्रीयकृत रसोईघर के स्थापना की दिशा में काम शुरू हो चुका है। बालको प्रबंधन इस परियोजना पर डेढ़ करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है।
उन्होंने बताया कि ‘ममता परियोजना को सफलता मिल रही है। वर्ष 2009 में बाल दिवस के मौके पर बालको ने लगभग 4,000 बच्चों को ड्रेस प्रदान किए। इससे पहले भी लगभग 4,000 बच्चों को ड्रेस प्रदान किया गए थे।
छत्तीसगढ़ राज्य में ‘ममता परियोजना’ ही एक ऐसी पहल है जिसके अंतर्गत आंगनबाडिय़ों के बच्चों को ड्रेस दिए गए हैं। वर्तमान में यह परियेाजना 537 आंगनबाडिय़ों में लागू है।
वर्ष 2009 में बालको आयोजित मोतियाबिंद शिविर में 562 जरूरतमंदों को नेत्र ज्योति वापस मिली।
श्री गुप्ता ने जानकारी दी कि कोरबा जिले का पहला बर्न यूनिट बालको अस्पताल परिसर में तैयार किया जा रहा है। भवन बनकर तैयार हो चुका है वहीं बर्न यूनिट में उपकरणों की स्थापना का काम जारी है।
बालको अपने खदान क्षेत्रों में बाग-बगीचों के विकास को प्रोत्साहन दे रहा है। वर्ष 2009 में बालको ने कबीरधाम जिले में बालको के पुनर्वासित गांव सिंघारी में लगभग 55 बैगा परिवारों को बैल जोड़ी, बकरी और सुअर के अलावा किराना दुकान चलाने के सामानों का वितरण किया।
इस पहल से पुनर्वासित बैगा परिवारों को विकास की मुख्यधारा से जोडऩे में मदद मिलेगी। वर्ष 2009 में ‘उत्कर्ष छात्रवृत्ति योजना’ के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 15 होनहार विद्यार्थियों को उच्च तकनीकी शिक्षा हासिल करने में मदद दी।
‘बालको प्रेरणा योजना के अंतर्गत बालकोनगर स्थित 10 स्कूलों के 69 विद्यार्थियों को 6,18,000 रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। बालको के विभिन्न सामुदायिक विकास कार्यक्रमों को शासन-प्रशासन का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
बालको की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि औद्योगिक प्रतिस्पर्धा के युग में बालको संयंत्र की उत्कृष्टता एव उत्पादकता अपने आप में एक मिसाल है।
बालको परिवार की सबसे बड़ी खासियत इसकी टीम भावना है। वित्तीय वर्ष 2008-09 के दौरान जब दुनियाभर में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा था, उत्पादन में कटौतियां जारी थीं, मानव संसाधन को कम करने के प्रयास किए जा रहे थे, तब भी बालको की एकजुटता पर कोई आंच नहीं आई।
बालको परिवार ने कंधे से कंधा मिलाकर मंदी के कठिन दौर का सामना किया। यही वजह है कि बालको देश की उन गिनी-चुनी कंपनियों में से एक हैं जिन्होंने मानव संसाधन में कोई कटौती नहीं की बल्कि बालको ने इस दौर का सदुपयोग मानव संसाधन को और अधिक मजबूत बनाने और कार्य कुशलता बढ़ाने में किया।
उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही नए अनुसंधानों को कंपनी द्वारा भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
बालको फ्यूज तकनीक के विकास और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में तकनीक के महत्वपूर्ण योगदान के लिए बालको को विश्व प्रतिष्ठित ग्रीन एपल पुरस्कार-2009 दिया गया वहीं पॉट रूम में विशेष बाथ हॉपर की डिजाइन और स्थापना तथा ऑनलाइन कटआउट तकनीक के विकास के लिए यू.के. आइडियाज पुरस्कार-2009 प्रदान किए गए।
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