छत्तीसगढ की रीजधानी रायपुर मे पूर्व कांग्रेस शासनकाल मे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यछ रामअवतार जग्गी के सरेराह गोली मारकर हत्या कर देने वाले मामले मे , पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी को आज विषेश न्यायालय ने बरी कर दिया और अन्य आरोपियों को सजा सुनाई ।
रायपुर, 31 मई (36गढ डाट इन)। छत्तीसगढ की रीजधानी रायपुर मे पूर्व कांग्रेस शासनकाल मे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यछ रामअवतार जग्गी के सरेराह गोली मारकर हत्या कर देने वाले मा मले मे , पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी को आज विषेश न्यायालय ने बरी कर दिया और अन्य आरोपियों को सजा सुनाई ।
न्यायालय ने राकांपा नेता रामअवतार जग्गी हत्याकांड मामले में आज चार वर्ष बाद फैसला सुनाया जिसमे कुल तेइस आरोपियों मे मुख्य आरोपी अमित जोगी को बाईज्जत बरी कर दिया जबकि तीन पुलिस अधिकारियों सहित नौ लोगों को पांच-पांच वर्ष और अन्य 19 आरोपियों को आजीवन करावास की सजा से दंडित किया।
राजनैतिक हत्याकांड के इस मामले मे सुनवाई पूरी होने के बाद आज विशेष न्यायाधीश बीएल तिड़के ने दोपहर लगभग एक बजे अपना पहला फैसला दिया।
जिसमे हत्याकांड के बाद पुलिस द्वारा आरोपित पांच आरोपियों विश्वनाथ राजभर, विनोद सिंह, श्यामसुंदर उर्फ आनंद, अविनाश उर्फ लल्लन सिंह, तथा जामवंत कश्यप को दोषमुक्त करार दे दिया मगर सीबीआई द्वारा तैयार प्रकरण में दोषी पाया और उन्हें पांच-पांच वर्ष कारावास तथा एक-एक हजार रूपए अर्थदंड से दंडित किया।
अपरान्ह लगभग चार बजे न्यायाधीश ने पुन: फैसला सुनाया जिसमे मुख्य आरोपी अमित जोगी को संदेह का लाभ देते हुए बाईज्जत बरी कर दिया।
माननीय विशेष न्यायाधीश बीएल तिड़के 302, 120 बी ने 19 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जिनमे याहया ढेबर, अभय गोयल, शूटर चिमन सिंह, शिवेन्द्र सिंह, फिरोज सिद्दीकी, विक्रम शर्मा, राकेश शर्मा, अशोक भदौरिया, संजय कुशवाहा, राजीव भदौरिया, नरसिंह शर्मा, विवेक भदौरिया, रवि कुशवाहा, सत्येन्द्र सिंह तोमर, सुनील गुली, अमित पचौरी तथा हरीश चंद्र शामिल हैं।
जग्गी हत्याकांड मामले मे न्यायालय ने तीन पुलिस अधिकारियों एएस गिल, व्हीके पाण्डेय तथा आरसी त्रिवेदी को फर्जी आरोपी पकडने और साक्षय छुपाने के इलजाम मे पांच-पांच वर्ष कारावास एवं अर्थ दण्ड की सजा सुनाई।
न्यायालय परिसर सुबह से ही में भारी गहमागहमी का माहौल देखा गया जहां एक ओर जोगी समर्थक न्यायालय परिसर में इकट्ठे हो रहे थे वहीं दुसरी ओर पुलिस प्रशासन ने भी फैसले के बाद किसी अप्रिय घटना से निपटने काफी चाक चौबंद व्यवस्था की थी।
फैसला आने के बाद रामअवतार जग्गी के पुत्र सतीश जग्गी ने कहा कि अभी मात्र अधूरा न्याय हुआ है। हालांकि उन्होने अमित को छोड़कर बाकी आरोपियों को मिली सजा पर संतोष जताया लेकिन कहा कि इस मामले में वे हाईकोर्ट में भी अपील करेंगे।
36गढ डाट इन