बिलासपुर जिले के रतनपुर के समीप स्थित रामटेकरी का पहाड़ आज पर्यटकों को बरबस आकर्षित कर रहा है।
बिलासपुर,11 मार्च(36गढ़ डाट इन) बिलासपुर जिले के रतनपुर के समीप स्थित रामटेकरी का पहाड़ आज पर्यटकों को बरबस आकर्षित कर रहा है।
इस पहाड़ पर से बिलासपुर सहित रतनपुर के आसपास का नजारा बहुत ही आकर्षक नजर आता है। पहाड़ के ऊपर से चारों तरफ फैली हरियाली, छोटे-छोटे तालाब पर्यटकों का मनमोह लेते हैं। पूर्व में इस पहाड़ पर सिर्फ बड़े-बड़े चट्टान ही नजर आते थे।
जिला प्रषासन द्वारा इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिये पहाड़ के ऊपर लगभग 60 एकड़ क्षेत्र में दो माह के भीतर 11 हजार पौधों का रोपण किया गया।
रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वन विभाग द्वारा यहां पर कुल 70 मिश्रित प्रजातियों के पौधे लगाये गये हैं। पहाड़ पर मिट्टी नहीं होने से नीचे से मिट्टी लाकर ऊपर डाली गयी।
चट्टान को निकालकर खाली स्थान पर मिट्टी डालने का कार्य बहुत ही कठिन था। परन्तु यदि इरादें नेक हो और हौसले बुलंद हो तो कठिन से कठिन काम आसान हो जाता है। चट्टान होने के कारण वर्षा ऋतु छोड़कर यहां काफी गर्मी पड़ती थी।
लोग मंदिर में दर्षन के लिये पहाड़ पर आते तो थे, परन्तु अत्यधिक गर्मी होने के कारण उन्हें जल्दी ही यहां से जाना पड़ता था। success-110310पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर बड़ी संख्या में वृक्षारोपण किया गया। पहाड़ियों के एक छोर पर आम के ग्राफ्टेड पौधे लगाये गये।
वहीं दूसरे छोर पर रूद्राक्ष सहित विभिन्न औषधि पौधों को भी लगाया गया। पौधों को वर्ष भर पानी प्रदाय करने हेतु पहाड़ के नीचे से पम्प के माध्यम से पानी ऊपर लाकर तीन बड़ी टंकियों में पानी भरने की व्यवस्था की गयी है। पूरे पहाड़ के चारों तरफ पाइप लाइन बिछाई गयी है। पाइपों में 24-24 मीटर की दूरी पर वाल्व लगे हैं।
जहां से प्लास्टिक पाइपों द्वारा पौधों तक पानी डालने की व्यवस्था की गयी है। अब यहां पिकनिक स्पॉट के रूप में छोटे-छोटे हट बनाये गये हैं। बैठने की व्यवस्था की गयी है।
रामटेकरी के निकट ही खूंटाघाट बांध नजर आता है। बांध के पास भी वृन्दावन उद्यान का निर्माण किया गया है। यहां बोटिंग के लिये व्यवस्था की गयी है। भविष्य में प्रषासन की कार्ययोजना है कि रामटेकरी से खूंटाघाट तक रोपवे बनाया जाये।
उल्लेखनीय है कि रतनपुर में सन् 1741 ई. में नागपुर के मराठा भोसलों से कब्जा कर लिया था। इसके पूर्व यहां ग्यारहवीं शताब्दी के आरंभ से कल्चुरियों का शासन रहा।
भोसला राजकुमार बिम्बा जी ने नागपुर के भोसला शासक के प्रतिनिधि के रूप में यहां शासक बनकर सन् 1758 ई. से 1787 ई. तक राज्य किया। इस मध्य उन्होंने रामटेकरी की पहाड़ियों में राम मंदिर का निर्माण करवाया।
इस प्रकार यह धार्मिक स्थल लगभग 250 वर्ष प्राचीन है। आज यह धार्मिक पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित हो रहा है।
36गढ़ डाट इन